कुंजड़ी – मलहार

बहुत पहले चम्बा के राजाओं ने अपने स्तुतिगान के लिए लखनऊ से अवधाल बुलाये जिनको कि साथ लगते गावं मंगला में बसाया गया , इन अवधालों ने कुंजड़ी – मलहार की रचना की , कुंजड़ी – मलहार में सावन ऋतु से संबधित गीत हैं जिनमें कि नारी की विरह वेदना का समावेश है यानि की …

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