Star of the book : Tshering Dorje
17 जुलाई 1972 , तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने एक पुस्तक के लिए अंग्रेजी भाषा में परिचयात्मक टिप्पणी लिखी।
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Read moreपहाड़ी बोली में जोत का अर्थ किसी पहाड़ की चोटी से होता है। वैसे कुलुवी बोली में ज़ोत – शिखर
Read moreकिसी भी क्षेत्र में काम करने वाले लोग उस क्षेत्र के उत्थान और पतन के लिए जिम्मेवार होते हैं .अहम्
Read more“जियां अहाँ दा शरीर है उस वास्ते खून दी जरूरत है, तियां ही मैं एह समझदा की कुसी संस्कृति जो
Read moreटांकरी की जानकारी जुटाते वक़्त काफी समय पहले धर्मशाला के खनियारा स्थित शिलालेख सहित पठियार के इस शिलालेख के बारे
Read moreहिमालय क्षेत्र में पौराणिक जातियों एवं जनजातियों का इतिहास काफी पुराना है जिन्होंने इस क्षेत्र की संस्कृति , धर्म ,
Read more“हर संस्कृति हर सभ्यता तब तक जवाँ है जुड़े जिसके साथ जब तक नौजवाँ हैं” लोक संस्कृति किसी भी सभ्यता
Read moreकभी एक दौर था जब पहाड़ी रियासतों में पढ़ने- लिखने का काम टांकरी में किया जाता था कुल्लू से लेकर
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